अगर तुम साथ हो...

तुम्हारे नज़रों में है तुम्हारे सपने तुम्हारे सपनो में है नाराज़गी 


मुजे लगता है की  बाते  दिल की होती  लफज़ों की धोकबाज़ी 


तुम साथ हो या नाहो क्या फ़र्क  है 


बेदर्द  थी जिंदगी बेदर्द है...







   Writer :-  Mr.Moinkhan

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